मंगलवार, 2 अगस्त 2011

फ्रेंडशिप डे मनाइये जरा संभलकर

@सन्नी शरद
दिल ढूंढता है फिर वही फुरसत के एक पल....
हर साल भारत में फ्रेंडशिप डे (यानि कि सिर्फ और सिर्फ दोस्ती का दिन) मानाने की एक नई परम्परा का आगाज हुआ है। अब ये कहाँ तक सही है और कहाँ तक गलत है, ये बहस का मुद्दा हो सकता है। हर कोई इसे अपने अंदाज में देखता है और इसके रंग में मगन हो जाता है। कोई इसे अच्छा कहता है तो कोई लाठी और डंडा लेकर इसका विरोध करता है।
आज के इस गला काट प्रतियोगिता के युग में दोस्ती का ये जो नया संस्करण हुआ है मुझे तो बड़ा भाता है। इस प्रतियोगितावादी जिंदगी में तिल और तंडुल के चक्कर में आज हम सभी पिसते चले जा रहे हैं और अपनों से दूर चले जा रहे हैं। रात को देर तक जागना और सुबह होते ही बॉस का फ़ोन आना और बिना नहाये ऑफिस भागना। बस आज हमारी जिंदगी यहीं तक सीमीत हो गयी है। तनाव, ब्लड प्रेसर बढ रहा है। सुबह का नास्ता दोपहर को और दोपहर का रात को भी करने की भी फुर्सत नहीं मिल रही है. ज्यादातर लोग ६० से पहले ही जिंदगी से रिटाएर हो जा रहे हैं। ऐसी जिंदगी में यदि लोग दो पल खुशी का मना ले तो इसमें क्या हर्ज़ है।
शाहरुख़ खान ने एक फिल्म में कहा है की एक लड़का और लड़की कभी दोस्त हो ही नहीं सकते हैं. और अब लोग भी कहते हैं फ्रेंडशिप का मतलब अब वल्गर हो गया है। ये अब सिर्फ लडको और लड़कियों में ही जयादा होता है। लेकिन ये गलत बात है। आज भी अपने आप में आधी दुनिया को समाने वाला फेसबुक इस बात का गवाह है की दोस्तों के मन में दोस्ती अभी जिन्दा है. फेसबुक पर कई ऐसी बात पड़ने को मिलेगी जिसमे कोई अपनी जिंदगी में कुछ हांसिल करके अपने बचपन के दोस्त को खोज रहा है।
दोस्त कोई भी किसी का हो सकता है। यहाँ तक आज एक पिता जी भी अपने बेटे के साथ दोस्त जैसा वैव्हार रखते हैं। ताकि उनका बेटा क्या कर रहा है ये उन्हें पता चल सके।
मेरी नज़र में फ्रेंडशिप डे मनाने के फायदे:
·                     दोस्त को समय देने का एकलौता पर्व।
·                     दोस्तों को याद करने का अच्छा मौका।
·                     दोस्तों के साथ समय बिताने का अच्छा बहाना।
·                     उन दोस्तों को भी याद करने का अच्छा मौका जिनसे छोटी - मोटी बात पर जगडा हुआ हो।
·                     इसमें दोस्त अपने दोस्त को कार्ड और फूल देते हैं, ऐसे में ऐसे में कार्ड और फूल वाले को 
     रोजगार मिलता है।
·                     किसी कैंटीन या ढाबे में गए तो उस दुकान वाले को फायदा।
·                     भूले बिछड़े दोस्तों को याद करने और उन्हें खोजने का अच्छा मौका।
·                     ऑफिस से छुट्टी लेने का एक अच्छा बहाना।
·                     इसी बहाने कई और नए दोस्त बन जाती हैं।
·                     सभी ढाबे और पार्क वाले का बल्ले बल्ले।
फ्रेंडशिप डे मनाने की हानियाँ
·                     अपनी संस्कृति को भूलते जाना और पश्चिमी संस्कृति को अपनाना।
·                     इम्पोर्टेड गिफ्ट दोस्तों को देना। न की देश में गरीबों द्वारा बनाया गया गिफ्ट देना।
·                     लडको द्वारा लड़की का इस दिन का गलत फायदा उठाना।
·                     लड़की के लिए आज का दिन बुरा क्यूंकि घरवाले घर से निकलने नहीं देते हैं।
निष्कर्ष:

दोस्ती के लगभग सभी पहलु को मैंने आज के परिदृश को देखते हुए दर्शाया है। वैसे मुझे ये अच्छा लगता है क्यूंकि इस पर्व में सभी दोस्त एक जगह मिल कर मस्ती करते हैं। और अपना हाले दिल एक दुसरे से बायाँ करते हैं।

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