सोमवार, 25 मई 2015

मामला रियल रिट्रीट होटल काः पूल पार्टी या नशा-सेक्स कारोबार ?

इन दिनों पश्चिमी देशों से आई महानगरों की बीमारी छोटे-छोटे शहरों को भी लीलती जा रही है। जहां नशा, नग्नता और सेक्स परोसी जाती है लेकिन अभिजात्य वर्ग के लोग उसे धंधा नहीं बल्कि कारोबार का नाम देते हैं।
झारखंड की राजधानी रांची में ऐसे कारोबार दिन दूनी और रात चौगूनी तरक्की कर रही है। पुलिस-प्रशासन की संलिप्तता ने उसे एक तरह से खुला लाइसेंस दे रखा है।
बुटी मोड़ के सपीप अवस्थित होटल रियल रिट्रीट में बिगड़ैल युवक-युवतियों की कथित पूल पार्टी की जिस तरह की खुली तस्वीरें सामने आई है, वह प्रमाणित करती है कि आज की युवा पीढ़ी सेक्स रिलेशन को बाजारु बनाने पर उतारु है।
सबसे बड़ी बात कि होटल प्रबंधन इस तरह के आयोजन को इवेंट का नाम देती है और मोटी कमाई करती है। इसमें स्थानीय पुलिस का सीधा सरंक्षण होता है।
प्रशासनिक तौर पर अति संवेदनशील बुटी मोड़ क्षेत्र,जहां होटल रियल रिट्रीट अपना धंधा चमका रहा है, वह सदर थाना क्षेत्र में आता है। फिलहाल वहां के इंचार्य दारोगा सरयु आनंद हैं।
मामले के उजागर होने के बाद इस पुलिस अफसर ने जिस तरह के डैमेज कंट्रोल मैनेजमेंट करते दिखे और वरीय पुलिस अधिकारियों को दिग्भ्रमित किया, उससे साफ जाहिर होता है कि पूल पार्टी प्रकरण में इनकी भूमिका काफी संदिग्ध है।
जाहिर है कि कोई भी पुलिस पदाधिकारी उसी मामले की लीपा-पोती करती है,जिसमें उसका पहले से ही सांठ-गांठ होता है। धंधे की काली कमाई का हिस्सा उसकी जेब में जाता है। ऐसे भी सरयु आनंद अवैध कारोबारियों संग मधुर रिश्तों के लिए सदैव चर्चित रहे हैं। फिर भी अपने राजनीतिक आकाओं के बल राजधानी रांची के सदर थाना जैसे मलाईदार थाना में आकर मस्ती मार रहे हैं।

बहरहाल, किसी भी सभ्य समाज की रक्षा के लिए जरुरी है कि लोग नशा-सेक्स के ऐसे धंधे के खिलाफ खुल कर सामने आएं। क्योंकि ऐसे कारोबार की उपज बिगड़ैलों के कारण ही बेटियों की ईज्जत अधिक खतरे में पड़ जाती है।

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