वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के बाद अब जयराम रमेश ने भी सरकार पर हमला बोल दिया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि पर्यावरण मंत्री के तौर पर उनकी हालत 'शिखंडी' जैसी हो गई थी। रमेश ने अपने पूर्व मंत्रालय में भूमि अधिग्रहण की इजाजत देने संबंधी फैसलों के दौरान सामने आए हालात का हवाला देते हुए कहा, 'मैं पर्यावरण एवं वन मंत्रालय में शिखंडी बन गया था और भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर मुझे निशाना बनाया गया था।'
गौरतलब है कि महाभारत में शिखंडी एक उभयलिंगी चरित्र था, जिसे अर्जुन ने भीष्म के खिलाफ मानवीय कवच के तौर पर इस्तेमाल किया था।
गौरतलब है कि महाभारत में शिखंडी एक उभयलिंगी चरित्र था, जिसे अर्जुन ने भीष्म के खिलाफ मानवीय कवच के तौर पर इस्तेमाल किया था।
इसके पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस के नेता मणि शंकर अय्यर ने अपनी ही पार्टी की पोल खोलते हुए इसे सर्कस कह डाला है।
अय्यर ने कहा कि अगर किसी कांग्रेसी को अपना काम करवाना होता है तो वह नई दिल्ली के 10, जनपथ (सोनिया गांधी का निवास) या 23 विलिंगडन क्रेसेंट (सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल का निवास) के चक्कर लगाता है। अय्यर ने कहा कि जिन कांग्रेसियों के काम नहीं होते हैं, वे 24 अकबर रोड (कांग्रेस का मुख्यालय) के चक्कर काटते हैं। अय्यर ने कहा कि वह कार्यकर्ता जो चारों ओर से निराश हो जाता है, वही 24 अकबर रोड के चक्कर लगाता है जबकि पार्टी के ताकतवर नेता सीधे 10 जनपथ या 23 विलिंगडन क्रेसेंट से संपर्क साधते हैं।
मणि शंकर ने कहा कि कांग्रेस के मुख्यालय से ज़्यादा 10, जनपथ और 23 विलिंगडन क्रेसेंट ताकतवर हैं। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस मुख्यालय में दस लोग कुर्सी मेज लेकर बैठते हैं। इनमें से पांच का ग्राफ (राजनीतिक कद) ऊपर जाता है तो वहीं, अन्य पांच का नीचे। लेकिन एक कांग्रेसी को इसी तंत्र में आस्था रखनी पड़ती है। अय्यर ने कहा कि कांग्रेसी कार्यकर्ता यही सोचता है कि आज नहीं तो कल और कल नहीं तो परसों मेरा काम होगा।'
मणि शंकर ने कहा कि कांग्रेस के मुख्यालय से ज़्यादा 10, जनपथ और 23 विलिंगडन क्रेसेंट ताकतवर हैं। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस मुख्यालय में दस लोग कुर्सी मेज लेकर बैठते हैं। इनमें से पांच का ग्राफ (राजनीतिक कद) ऊपर जाता है तो वहीं, अन्य पांच का नीचे। लेकिन एक कांग्रेसी को इसी तंत्र में आस्था रखनी पड़ती है। अय्यर ने कहा कि कांग्रेसी कार्यकर्ता यही सोचता है कि आज नहीं तो कल और कल नहीं तो परसों मेरा काम होगा।'
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