रविवार, 24 जुलाई 2011

अमर सिंह के साथ पूछताछ अन्याय : मुलायम

मुश्किल में दोस्त ही काम देता है..
एक कहावत है कि पुरानी दोस्‍ती में भले ही कितनी भी दरार आ जाये मगर मुश्किल के समय में वही दोस्‍त काम आता है। और वैसे भी दोस्‍ती जब राजनीतिक स्‍तर पर हो। नोट के मामले वोट में फंसे अमर सिंह का जब किसी ने साथ नहीं दिया तो अंत में मुलायम सिंह‍ ने उनका हाथ थामा है। मुलायम सिंह ने अमर सिंह का साथ देते हुए कहा है कि दिल्ली पुलिस द्वारा अमर सिंह से वोट के बदले नोट मामले में पूछताछ करना अन्याय है और वह अमर सिंह की इस मामले में मदद करेगें ताकि वे इस इस संकट से बाहर आ सकें।
जानकारों की मानें तो इस बयान के बाद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह चाहते हैं कि अमर सिंह फिर उनकी पार्टी में आ जायें मगर मुलायम सिंह ने ऐसे किसी भी संभावना को सिरे से नकार दिया है। आपको बताते चलें कि अमर सिंह को पिछले साल पार्टी से निकल दिया गया था। दिल्‍ली में मीडिया को संबोधित करते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि अमर सिंह के साथ जो कुछ भी किया जा रहा है वह अन्‍याय है और यह अमर सिंह और रेवती रमण को परेशान करने की साजिश है।

आक्रमक रूख अपनाते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि कांग्रेस शायद अमर सिंह के अहसानों को भूल चुकी है। उन्‍होंने कहा कि अमर सिंह ने वर्ष 2008 में विश्वास मत के दौरान कांग्रेस की मदद की थी। इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी ने यूपीए सरकार के पक्ष में अपना मत दिया था। और अब इन अहसानों के परिणाम स्‍वरूप अमर सिंह से पूछताछ की जा रही है।
नोट के बदले वोट के बारे में मुलायम सिंह ने कहा कि मुझे सच पता है ओर वह यह है कि अमर सिंह भाजपा सांसदों को घूस देने में शामिल नहीं हैं। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बेहद चिंता में दिख रहे मुलायम सिंह यादव ने कहा कि हमलोगों ने कांग्रेस के पक्ष में वोट देकर कांग्रेस की सिर्फ मदद की थी। क्या हम लोगो सरकार में शामिल हुए? क्या रेवती सिंह और अमर सिंह मंत्री बन गए? अगर पैसों का लेनदेन होता तो मुझे इस बारे में जरुर पता होता।
गौरतलब है कि ऐसे में अचानक मुलासम सिंह का अमर सिंह के लिये नरम होना राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बन गया है। आपको मालूम ही होगा कि पार्टी से अलग होने के बाद दोनों ने आपस में एक दूसरे को कितनी खरी खोटी सुनाई थी। अब देखना यह है मुलायम सिंह द्वारा अमर सिंह के लिये दिखाई जाने वाली नरमी आगामी चुनाव में क्‍या रंग लायेगी।

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