बुधवार, 24 अगस्त 2011

अन्ना को लेकर भाजपा में बगावत,यशवंत और शत्रुध्न सिन्हा का संसद से इस्तीफे की पेशकश

भ्रष्‍टाचार मामले पर अन्‍ना हजारे के अनशन पर स्थिति स्‍पष्‍ट न करने की वजह से भारतीय जनता पार्टी में मतभेद उजागर होने लगे हैं। पार्टी में बगावत के सुर तेज होने लगे हैं। यशवंत सिन्‍हा और शत्रुघन सिन्‍हा सहित 3 सांसदों ने संसद से इस्‍तीफे की पेशकश की है। इस्‍तीफे की पेशकश करने वाले तीसरे सांसद उदय सिंह हैं। इन सांसदों ने पार्टी के वरिष्‍ठ नेताओं पर अन्‍ना हजारे के अनशन पर सरकार के खिलाफ कड़ा रुख न अपनाने का आरोप लगया है।सरकार ने अन्‍ना हजारे के अनशन पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक पर बीजेपी ने अपनी रणनीति बनाने के लिए पार्टी हाईकमान ने मीटिंग बुलाई थी। 
यह बैठक पार्टी के वरिष्‍ठ नेता लाल कृष्‍ण आडवाणी की अध्‍यक्षता में आयोजित की गई। यशवंत सिंह ने इस बैठक में पिछले 9 दिन से अनशन पर बैठे अन्‍ना हजारे की तबियत पर चिंता जताई। उन्‍होंने पार्टी से भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अन्‍ना हजारे के अनशन पर अपनी स्थिति स्‍पष्‍ट करने की भी अपील की।
पार्टी की तरफ से शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने भी कहा कि अभी तक पार्टी ने भ्रष्‍टचार के खिलाफ अन्‍ना हजारे के समर्थन का खुलकर सहयोग नहीं किया है। इस स्थिति पर दोनों ने संसद की सदस्‍यता से इस्‍तीफा देने की पेशकश भी की। अन्‍न पार्टी सांसद उदय सिं ने भी दोनों नेताओं के साथ संसद की सदस्‍यता से इस्‍तीफा देने की पेशकश की थी। हालांकि पार्टी अभी तक दबी आवाज में ही अन्‍ना हजारे के अनशन का समर्थन कर रही है। लेकिन लोकपाल बिल पर उनकी मांगों का पार्टी ने खुलकर समर्थन नहीं किया है।

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