अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने आशंका जताई है कि दिल्ली पुलिस अन्ना की सेहत का हवाला देकर उन्हें जबरन अनशन से उठा सकती है। यह खबर तब आई है,जब पीएम ने अन्ना हजारे की सेहत पर चिंता व्यक्त की है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सर्वदलीय बैठक में ने कहा कि अन्ना हजारे और उनका गिरता स्वास्थ्य हम सभी के लिए चिंता का विषय है।
मनमोहन ने कहा, हाल के घटनाक्रम ने हमारे संसदीय लोकतंत्र के कामकाज से संबंधित मुद्दे खड़े कर दिए हैं जो हम सभी के लिए चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि हम चाहेंगे कि संसद की स्थायी समिति मजबूत लोकपाल संस्थान के सृजन के लिए व्यापक राष्ट्रीय सहमति बनाने के वास्ते विभिन्न नजरियों के सभी बिन्दुओं पर विचार करे।
इससे पहले दिन में कानूनमंत्री सलमान खुर्शीद के घर टीम अन्ना के सदस्यों और सरकार के बीच बैठक हुई। मनमोहन ने कहा, हाल के घटनाक्रम ने हमारे संसदीय लोकतंत्र के कामकाज से संबंधित मुद्दे खड़े कर दिए हैं जो हम सभी के लिए चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि हम चाहेंगे कि संसद की स्थायी समिति मजबूत लोकपाल संस्थान के सृजन के लिए व्यापक राष्ट्रीय सहमति बनाने के वास्ते विभिन्न नजरियों के सभी बिन्दुओं पर विचार करे।
टीम अन्ना के अरविंद केजरीवाल ने कहा कि तीन मुद्दों पर गतिरोध बरकरार है, यद्यपि बातचीत सही दिशा में रही। उन्होंने कहा कि अभी सर्वदलीय बैठक होनी है, जिसके बाद बातचीत का दौर जारी रहेगा। इस बैठक में सरकार की ओर से सलमान खुर्शीद, पवन खेड़ा और संदीप दीक्षित शामिल थे, जबकि टीम अन्ना की तरफ से अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और किरण बेदी थे।
टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने कहा कि जिन तीन मुद्दों, सिटीजन चार्टर, निचली अफसरशाही को लोकपाल के दायरे में लाने और प्रदेशों में लोकपाल के माध्यम से लोकायुक्त स्थापित करने पर सहमति नहीं बनी थी, उन पर आगे कोई कदम नहीं बढ़ा। इसके पहले दिन में हजारे ने इन तीन मुद्दों पर कायम रहते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, उनका अनशन जारी रहेगा। अपने अनशन के नौंवे दिन हजारे ने कहा कि सरकार का आज भी भ्रष्टाचार को मिटाने का कोई इरादा नहीं हैं और वह इस संबंध में ईमानदारी से प्रयास भी नहीं कर रही है।
टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने कहा कि जिन तीन मुद्दों, सिटीजन चार्टर, निचली अफसरशाही को लोकपाल के दायरे में लाने और प्रदेशों में लोकपाल के माध्यम से लोकायुक्त स्थापित करने पर सहमति नहीं बनी थी, उन पर आगे कोई कदम नहीं बढ़ा। इसके पहले दिन में हजारे ने इन तीन मुद्दों पर कायम रहते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, उनका अनशन जारी रहेगा। अपने अनशन के नौंवे दिन हजारे ने कहा कि सरकार का आज भी भ्रष्टाचार को मिटाने का कोई इरादा नहीं हैं और वह इस संबंध में ईमानदारी से प्रयास भी नहीं कर रही है।
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