बुधवार, 24 अगस्त 2011

टीम अन्ना आंदोलन को लेकर बुखारी ने अलापा सांप्रदायिकता राग

अन्ना आंदोलन के समर्थन को लेकर जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा है कि चूंकि इस आंदोलन में वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाए जा रहे हैं, इसलिए मुसलमानों को इस आंदोलन से दूर रहना चाहिए। शाही इमाम का कहना है कि आज देश में भ्रष्टाचार से ज्यादा खतरनाक सांप्रदायिकता है, क्योंकि देश में जहां भी दंगे होते हैं, वहां हर कौम के लोग मारे जाते हैं। मैंने अन्ना टीम की सदस्य से कहा कि वे अपने आंदोलन में सांप्रदायिकता को भी शामिल करें और इसके खिलाफ कड़ा कानून बनाने की मांग करें।
शाही इमाम की आपत्ति आंदोलन में लगने वाले नारों को लेकर भी है। देश का मुसलमान वतन के लिए कुर्बान हो सकता है , लेकिन मजहब के उसूलों के खिलाफ लगाए जा रहे नारों वाले आंदोलन में शामिल नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी सवाल किया कि अन्ना की कोर टीम में कोई मुस्लिम चेहरा क्यों नहीं है। इस आंदोलन से जुड़े लोगों ने देश के अल्पसंख्यक समुदाय को साथ लेने की कोशिश नहीं की है। उन्होंने यह भी कहा कि अन्ना टीम की ओर से कुछ सवालों का जवाब भी जरूरी है। अन्ना को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में दिए गए बयान पर भी सफाई देनी चाहिए। शाही इमाम ने यह भी कहा कि अभी भी काफी संख्या में मुसलमान इस आंदोलन के साथ नहीं है और हम जानते हैं कि इस आंदोलन को पीछे से कौन सपोर्ट कर रहा है

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