बुधवार, 3 अगस्त 2011

मंहगाई को लेकर संसद में विपक्ष का हल्ला बोल

समूचे विपक्ष ने आसमान छूती खाद्य पदार्थों की कीमतों के लिए सुर व ताल मिलाते हुए सरकार को कोसा। महंगाई के लिए भ्रष्टाचार को सबसे बड़ा कारण बताते हुए विपक्षी दलों ने सरकार को साफ शब्दों में कहा कि वह या तो महंगाई को नियंत्रित करे या फिर गद्दी छोड़े।
विपक्ष के हमलों से रक्षात्मक मुद्रा में आई सरकार ने हालांकि मूल्य वृद्धि के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल की दामों में आई बढ़ोत्तरी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि वित्तीय उपायों के जरिए वह महंगाई नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। 
मूल्य वृद्धि के मुद्दे पर लोकसभा में प्रस्ताव पेश करते हुए और इस पर बहस की शुरुआत करते हुए भाजपा के यशवंत सिन्हा ने कहा कि मूल्य वृद्धि को काबू में करने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू खाद्य महंगाई और भ्रष्टाचार को नियंत्रित करना है।
विपक्षी दलों के तीखे हमलों का जवाब देने के लिए सरकार ने कानून मंत्री सलमान खुर्शीद को मोर्चे पर उतारा। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को खरिज करते हुए कहा, "हमने विकास की रणनीति पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बहुत कुछ सीखा है। लेकिन हमने उनसे यह कभी नहीं सुना कि किसी भी कीमत पर विकास हो। हमें उतना ही विकास सुनिश्चित करना पड़ेगा जिससे गरीबों को मदद देने में सहूलियत होगी। हम किसी भी कीमत पर विकास में विश्वास नहीं रखते।"

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