इस नग्नता पर नारी संगठनों को लज्जा क्यों नहीं आती !
" अन्ना हजारे जी को सपोर्ट के बहाने टोपलेश होनेवाली अभिनेत्री "योगिता" के कदम को कितना जायज माना जाना चाहिए ? और कहाँ गई वो " नारी संघटन " जो हर बार नारी पर होते अत्याचार की ही बात करती है ? क्या इसे अश्लीलता भरा अंगप्रदशन कहा जाये या फिर अन्नाहजारेकेनामपरभारतकीआन,बान,शान "तिरंगे " काअपमान ..याफिरसस्तीपब्लिसिटीकहाजाये ..बात चाहे जो भी हो मग़र एक बात साफ़ होती है की " नारी संघटन "को "पूनमपांडे "के न्यूड होने पर या फिर " मन्दिराबेदी"के न्यूड होने के साथ साथ अपने सरीर पर "ॐ" लगवाकर तस्वीरे खिंचवाने पर भी " अश्लीलता दिखाई नहीं दे रही है ?... क्या आज नारी संघटन अँधा हो गया है ? या फिर सिर्फ नाम का रहे गया है " नारी संघटन " ? " " भारत सरकार अश्लील विज्ञापन पर जब रोक लगा रही है उसी वक़्त " भारतकीनारी " जिससंस्कृतिकेलिएजानीजारहीहै ..उस " लाज , शर्म " कोसरेआमबाजारमेंलीलामकररहीहै | " ...नारी संघटन को नारी पर होते अत्याचार दिख रहे है मग़र नारी के द्वारा दिखाई जाती अश्लीलता नहीं ..आज अगर ऐसा ही कार्य किसी पुरुष ने किया होता तो ..नारी संघटन जमकर विरोध के साथ कड़ी कार्यवाही की मांग भी करती मग़र आज ..वही नारी संघटन "किसी नारी के द्वारा अपने खुले जिस्म पर "तिरंगा " लगाकर तस्वीरे खिंचवाने पर चुप है | "
" बात यहाँ सिर्फ अंगप्रदशन की ही नहीं है मग़र आज "नारी संघटन" को फिर से सोचना पड़ेगा की " आखिर ऐसी क्या बात है ..जिसकी वजह से भारत की नारी अपना सच्चा गहेना " अपना जिस्म " दिखाने को राजी हो जाती है ? ...एक नारी के द्वारा ऐसी हरकत पर नारी संघटन को ठोस कदम उठाने ही चाहिए ..कही ऐसा ना हो की " नारी संघटन" की चुप्पी ये साबित ना कर दे की "आजकीनारीखुदखिलौनाबनगईहै ? ..अब वक़्त आ गया है की ऐसेनारीसंघटनफिरसेएकबारसोचेकीआखिरदेशकीइज्ज़तऔरनारीकेसच्चेगहनेकोकैसेबचायाजाये ? (www.eksachai.blogspot.com से साभार)
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