मंगलवार, 31 अगस्त 2010

झारखंड : न्यायालय व प्रेस अधिनियमों की धज्जियाँ उड़ा रहा है "दैनिक भास्कर"

“मैं चाहे ये करूँ,मै चाहे वे करूँ......मेरी मर्जी.......मेरी मर्जीनामक लोकप्रिय फ़िल्मी गीत आपने जरूर

सुना होगा.आजकल झारखंड में दैनिक भास्कर अखबार कुछ इसी तरह की मनमर्जी करने पर उतारू है. उसे नैतिकता तो दूर न्यायपालिका ,प्रेस एवं पुस्तक रजिस्ट्रीकरण अधिनियम ,प्रेस पंजीयक के आदेशों प्रावधानों के भी कोई परवाह नहीं हैं.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एकमामले में झारखंड में दैनिक भास्कर के राँची से प्रकाशन पर रोक लगा दी लेकिन ,उसने अपना प्रकाशन जारी रखा है.प्रकाशन स्थल नाम बदल दिया गया है.पिछले तीन दिनों से प्रकाशन स्थल जमशेदपुर कर दियागया है.और कोष्ठ में आर.एन.आई पंजीयन क्रमांक आवेदित) दर्शा दिया गया है.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

धन्यवाद