शुक्रवार, 14 जनवरी 2011

एक बड़ी लूट का पर्याय बना विकास(रांची) से बरही (हजारीबाग) एन.एच.-३३ फोरलेनिंग कार्य

राष्ट्रीय उच्च मार्ग-३३ के चौड़ीकरण/फोरलेनिंग में बड़े पैमाने पर लूट मची है.केन्द्रीय सड़क निर्माण प्राधिकरण के लोगों ने जहाँ दोनों किनारे प्रभावित भवनों/झुग्गी-झोपड़ियों की क्षतिपूर्ति में सांठ-गांठ के तहत कहीं मनमाना तो कहीं गैरजिम्मेदाराना ढंग अपनाया है तो जिला भू-अर्जन कार्यालय ने एक कदम आगे बढ़कर खूब लूट-खसोंट की है.
सूचना अधिकार अधिनियम२००५ के तहत जब एकमात्र खाता नंबर पर बसे कुल चौदह लोगों की संबधित जानकारी माँगने पर जिला भू-अर्जन कार्यालय ने अधूरी व गलत जानकारी मुहैया कराई. रीवेरीफिकेशन के नाम पर जो भारी राशि का भुगतान किया गया है,उसका उसमें कोई उल्लेख नहीं है. इस आधार पर यदि हम विकास (रांची) से मात्र चुटुपालू तक आंकलन करें तो करोड़ों का खुला खेल नज़र आता है.इस खेल में स्थानीय स्तर से लेकर विभागीय स्तर तक के दलालों ने भी खूब कारनामे की है.
ताजा हाल देखिये..कैसे एक जगह से गढ्ढा कर इसी मिट्टी से आधा किलोमीटर आगे गढ्ढे को भरा जा रहा है और कैसे दूसरे समतल स्थान को गढ्ढा कर उस जगह की मिट्टी से पूर्व के स्थान को भरा जा रहा है.
शुरूआत में प्रभावित लोगों ने एकजूट होकर योजनागत कार्य ,सामान मापदंड उचित मुआवजा और भू-अर्जन आदि को लेकर आंदोलित हुये लेकिन,उसके मुख्य कर्ताओं ने भी अपने ईमान बेच दिये.वे अपने निजी स्वार्थ में ही चिपक गए.

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