आज हमारा देश अनेक प्रकार की समस्याओं से जुझ रहा
है..उनमें बढ़ती महंगाई के साथ भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है. इसका व्यापक खुलासा
और उस पर बहस होनी चाहिए....लेकिन मीडिया किसी लुटेरे को जेल में मच्छर काट रहा है
....किसी लुटेरे को नींद नहीं आ रही है...किसी लुटेरे की सेल में रंगीन टीवी,एसी
आदि नहीं है..जैसे बेतुकेपन को लाग लपेट के साथ परोस कौन सा कीर्तीमान बनाने की
फिराक में है.....समझ से बिल्कुल परे है.
न्यूज़ चैनलों की स्थिति तो और भी वद्दतर है.उसे न्यूज
चैनल कहने में भी शर्म महसुस होती है.....मनोरंजन चैनलों की कतरनें या कहिए जुठन
के बीच अपनी मतलब की खबरों को दिखाने का धंधा बना लिया है.समाचार पत्रों में भी
प्राय: देश के लुटेरे पूंजीपतियों का आयना अधिक दिखता है.माना कि
हमाम में सब नंगे होते हैं..लेकिन पत्रकरिता कोई हमाम नहीं है कि सब अपनी चड्डी
उतार ले....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
धन्यवाद