सोमवार, 25 जुलाई 2011

राजा ने बजा दिया मनमोहन और चिदंबरम का बाजा

सोनिया गांधी जी,आपके हमाम में सब नंगे हैं!!
2जी स्पेक्ट्रम मसले में तिहाड़ की सलाखों में बंद पूर्व संचार मंत्री ए राजा ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृह मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ ही ताल ठोक डाली। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की मौजूदगी में ही तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम ने विदेशी कंपनियों टेलीनॉर और एतिसालात को यूनिटेक और स्वान में हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी दी थी। राजा ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में प्रधानमंत्री को चुनौती दी कि इस बात से वह इनकार करके दिखाएं।
विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी के सामने राजा ने 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं करने के अपने फैसले को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि राष्टï्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की नीतियों का उन्होंने पालन किया था। राजा के वकील सुशील कुमार ने कहा कि अगर किसी नीति का पालन करने पर राजा के खिलाफ मुकदमा चल रहा है तो 1993 के बाद से सभी दूरसंचार मंत्रियों को भी उसी नीति का पालन करने के लिए सजा मिले।
हालांकि बाद में चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा कि उनके सामने यही मसला था कि नए लाइसेंस हासिल करने वाली कंपनियां स्वान और यूनिटेक अपनी हिस्सेदारी बेच रही हैं या नए शेयर जारी कर हिस्सेदारी घटा रही हैं। उन्होंने कहा, 'दोनों कंपनियां विदेशी साझेदार ला रही थीं। मुझे लगता है कि दूरसंचार विभाग ने इसके लिए उन्हें मंजूरी दे दी थी। इससे पहले राजा ने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में घोटाले का आरोप उन पर नहीं लगाया जा सकता। उराजा ने कहा कि दूरसंचार मंत्री रहते हुए अरुण शौरी ने 26 लाइसेंस बांटे, दयानिधि मारन ने 25 बांटे और खुद उन्होंने 122 लाइसेंस बांटे। उन्होंने कहा, 'आंकड़ों से फर्क नहीं पड़ता। असल बात यह है कि किसी ने भी स्पेक्ट्रम नीलाम नहीं किया। अगर उन्होंने भी गलत किया तो सवाल केवल मुझसे क्यों?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

धन्यवाद