सरकारी दलालों के हाथ कलप-कलप के मर रहे हैं हमारे अन्नदाता
हमारे देश में संविधान की कोईअहमियत है या नहीं। अन्न उगाने वाले हमारे देश के मूल निर्माता किसान आए दिन आत्म हत्या कर रहे है..सिर्फ इसलिए कि उन्हें अपनीलागत के बराबर भी मूल्य नहीं मिल रहा। उनकी मेहनत की कमाई खा रहे हैं, सरकार और उसके पूंजीपति दलाल............
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