मंगलवार, 9 अगस्त 2011

पिछले 4 वर्षों में दवा परीक्षण के दौरान 1500 लोगों की मौतः केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री

भारत में पिछले चार सालों में दवाओं के असर की जांच करने के लिए किए जा रहे परीक्षणों में सैकड़ों लोगों की मौत हुई है.
स्वास्थ्य मंत्री ग़ुलाम नबी आज़ाद ने संसद को जानकारी दी है कि पिछले चार वर्षों में ऐसे परीक्षणों के दौरान क़रीब 1500 मरीज़ों की मौत हुई है.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पिछले साल इन परीक्षणों में भाग ले रहे लोगों में से क़रीब 500 की मौत हुई और इनमें से केवल 22 मामलों में दवा कंपनियों ने मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा दिया.
भारत में फिलहाल क़रीब 1500 दवाओं के परीक्षण किए जा रहे हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दवाओं के परीक्षण के लिए दवा कंपनियां भारत की ओर आकर्षित हैं क्योंकि यहां चिकित्सा क्षेत्र में प्रशिक्षित लोग और परीक्षण करवाने के इच्छुक मरीज़ कम ख़र्च पर मिल जाते हैं और साथ ही परीक्षण प्रणाली पर सरकारी नियंत्रण कम है.
ग़ैर-सरकारी संस्थाएं लगातार दवाओं के लिए किए जा रहे परीक्षणों में भाग लेने वाले मरीज़ों को इससे जुड़े ख़तरों की पूरी जानकारी देने और उनकी सहमति लेने पर बल देती रही हैं.

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