मंगलवार, 2 अगस्त 2011

बिहारशरीफ में गंदगी से लोगों को जीना मुश्किल,प्रशासन लापरवाह

दिलीप कुमार गुप्ता 
बिहारशरीफ :कचरे की ढेर व नाले की बजबजाती गंदगी के बीच लोगों को रहना नियति बन गयी है। सफाई के नाम पर नगर निगम प्रशासन सिर्फ खानापूरी कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। शहर के सालूगंज, पुलपर सब्जी बाजार, कटरा पर, महलपर, बिचली खंदक आदि स्थानों पर कचरे का ढेर इस कदर लगा है कि वहां पर रहने वाले लोग किसी संक्रमण बीमारी की चिंता से सहमें हैं। वहीं वहां से गुजरने वाले लोगों को नाक व मुंह पर रूमाल रखने के सिवा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।
 हैरानी इस बात की है कि आये दिन अखबारों के माध्यम से नगर निगम प्रशासन को सफाई के प्रति ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की जा रही है लेकिन पदाधिकारी मैन पावर व संसाधनों की कमी बता कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। खैर मानें की श्रावण मास की आधी माह समाप्ति के बावजूद बरसात ने अभी तक पूरी तरह से दस्तक नहीं दी है। यदि नियमित रूप से तीन-चार दिन बारिश हो गयी तो शहर की स्थिति क्या होगी इसकी कल्पना करना मुश्किल है। बहरहाल यदि सफाई व्यवस्था के प्रति नगर निगम गंभीर नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में यहां के लोग गंभीर बीमारी की चपेट में होगी जिसकी सारी जवाबदेही नगर प्रशासन पर होगी।
  एक दिन के बारिश ने नगर निगम की सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। शहर के अधिकांश सड़कें व मोहल्लों में नाले का पानी सड़कों पर पसर गया है। सुंदरगढ़ मोहल्ला में जल-जमाव से लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया है। वहीं कटरा पर के मैन सड़क पर बजबजाते नाले के भरने के बाद सड़कों पर कचरा पसर गया है जिसके कारण वहां रहने वाले लोगों का जीवन नरक बन गया है। लोग सड़क पर जमे कचरे व जल-जमाव के कारण किसी संक्रमण बीमारी से भयभीत है। इधर नगर निगम प्रशासन को बरसात से पूर्व नाले की सफाई कराने को लेकर कई बार गुहार लगायी गयी लेकिन निगम की ओर से सफाई का काम नहीं कराया गया। परिणाम स्वरूप गंदगी व जल-जमाव के बीच जीवन बसर करना लोगों की नियति बन गयी है। पिछले दिनों हुई घंटे भर की बारिश के बाद पुलपर का मेन चौराहा, महलपर, रामचन्द्रपुर का बस अड्डा का स्थिति नरक में तब्दील हो गया है। स्थिति ऐसी की कीचड़ के सडांस से लोगों का जीना दुश्वार हो गया है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

धन्यवाद