बुधवार, 3 अगस्त 2011

अन्ना पड़े बीमार : होगी आंदोलन पर असर

मजबूत लोकपाल बिल के लिए संघर्ष कर रहे गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे बीमार हो गए हैं। हजारे महाराष्ट्र में मौजूद अपने गांव रालेगण सिद्धि चले गए हैं। इससे टीम अन्ना की सरकारी लोकपाल बिल के खिलाफ मुहिम पर असर पड़ने की आशंका है। अन्ना हजारे १६ अगस्त से सशक्त लोकपाल बिल की मांग करते हुए फिर अनशन पर बैठने का ऐलान कर चुके हैं। वहीं, गुरुवार को सरकार संसद में लोकपाल बिल पेश करने जा रही है। इस विधेयक को कुछ दिनों पहले कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। इससे पहले टीम अन्ना ने सांसदों को चिट्ठी लिखकर सरकारी लोकपाल बिल का विरोध करने और उसे संसद में पेश होने से रोकने की अपील की थी।  
टीम अन्ना सरकारी लोकपाल बिल का यह कहते हुए विरोध कर रही है कि यह बिल गरीब विरोधी है और यह भ्रष्टाचार से लड़ने और आम आदमी को राहत देने में नाकाम साबित होगा। बीजेपी और लेफ्ट ने भी सरकार की तरफ से पेश होने जा रहे लोकपाल बिल की आलोचना की है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद तरुण विजय ने कहा है कि केंद्र सरकार एक वरिष्ठ गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता को धोखा दे रही है। वहीं, सीपीएम पॉलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने कहा है कि प्रधानमंत्री को लोकपाल बिल का दायरे में लाया जाना चाहिए। सरकार की तरफ से पेश होने जा रहे बिल में प्रधानमंत्री को अपने कार्यकाल के दौरान लोकपाल के दायरे से बाहर रखा गया है।

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