गुरुवार, 4 फ़रवरी 2010

कांग्रेस,भाजपा को छोडिये: देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दिल्ली में बैठकर प्याज छिलने के लिए है! बाल-राज की गुंडागर्दी उन्हें नहीं दिख रहा है क्या?

कुछ दिन पहले मैंने अपने ब्लाग के साथ नवभारत टाईम्स में लिखा था कि बाल-राज़ ठाकरे जैसे देशद्रोही विचारधारा वाले गुंडों के सरगना के विरूद्ध विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री चुप क्यों? एक बार फिर बाल ठाकरे,उसका बेटा उद्धव ठाकरे उसका भतीजा राज ठाकरे देश के गणमान्य लोगों पर हमला बोल रहा है , क्या उससे ये दोनों देश के सिरमौर आँखे बंदकर ऐस-मौज करने के लए हैं? कांग्रेस के खाद-पानी से पनपे राज ठाकरे ने तो अलग राष्ट्र की मांग तक कर दी है.इसे तो तुरंत कान पकड़कर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलानी चाहिये ताकि कल कोई इस तरह की जुर्रत कर सके. मध्यप्रदेश के खंडवा में खानदानी पैदाईश रखने वाला ये कब से मराठी मानुष हो गया?
सबसे बड़ी बात किसामनाजैसे राष्ट्र की वुनियाद पर चोट कर सिर्फ भावना भड़का कर गंवार-जाहिलों की फौज खड़ी करने वाली अखबार को सरकार बंद क्यों नहीं कर रही.मेरी राय में इस गंदे अखबार को नक्सली पर्चे से भी नीचे के दर्जा में रखनी चाहिये. इसके लिए हमारी भारतीय मीडीया भी कम दोषी नहीं है,जिसने ए़क कूपमंडूक सनकी व्यक्ति के स्वार्थी पर्चेसामनामें छपे गैरपत्रकारीय बातों को समूचे देश में ऐसे प्रसारित करते है जैसे वे महात्मा गांधी का हरिजन प्रकाशित हो रहा हो.
शिवसेना या मनसे को क्रमशः कांग्रेस और भाजपा ने बल दिया है और ठाकरे-गुंडा-गैंग को अपने स्वार्थवश आगे बढ़ा रहा है इन दोनों राष्ट्रीय दल को जनता की ज्वलंत समस्यायों से इतर अपनी साख बढाने में देश की अस्मिता से खिलवाड़ कर रही है. इसलिए इनदोनों को भी सबक सिखाने की जरूरत है. वेशक अब भाजपा कोभारत जलाओ पार्टीऔर कांग्रेस कोकाटो नंगा गला सबकाका फुलफार्म मान लेना चाहिये....

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