शुक्रवार, 3 जून 2011

चमचागिरी+ अहंकारी = ब्लॉगर कृष्ण बिहारी


इस दुनिया में कुछ ऐसे भी दुर्लभ ज्ञानी हैं...जो दूसरों के विचार नहीं झेल  पाते हैं और आगबबुले हो उठते हैं .
वे इतना भी नहीं समझ पाते कि आखिर वे कर क्या रहे हैं. जी हां, मैं बात कर रहा हूं...ब्तॉगर कृष्ण बिहारी मिश्र की.ये महाशय vidrhi24 url से पत्रकारिता का सच नामक ब्तॉग लिखते हैं..उनमें ऐसी बातें होती है,जिसे शायद ही कोई पचा सके....यदि आपने कोई कमेंट दिया तो उसे नजर पड़ते ही ये सर्व ज्ञानी मिश्र जी मिटा डालते हैं....कुछ दिन पहले जब एक फ्रेंड ने इस बात की जानकारी दी तो विश्वास नहीं हुआ लेकिन,खुद आजमाया तो यकीन हो गया.
बताते चलें कि ये साहब आज-कल रांची के एक कुकुरमुत्ता छाप हाल ही में उगे खबरिया चैनल में इनपुट कॉर्डिनेटर हैं और 3-4 माह बाद ही चैनल हेड बनने के लिए मालिक की चमचागिरी में दिन-रात जुटे हैं...इनकी गंदी राजनीति के शिकार होकर कई लोग चैनल को बाय बोल चुके है..कई बोलने वाले हैं....यह चैनल रातो रात करोड़ो-अरबों के मालिक बने एक बिल्डर का है. इसके पूर्व वे कई अच्छे चैनलों के चक्कर भी लगा चुके हैं..लेकिन अपने "अथाह ज्ञान" के बाबजूद कहीं नहीं टिक पाए..इन्होंने पत्रकारिता का इतिहास नामक एक दुबली-पतली ही सही एक पुस्तक भी लिखी है...बहुतेरे इसे पत्रकारिता का बकवास कहते हैं....रांची की मीडिया में युवा प्रतिभा इन्हे " स्वीट प्वायजन " कहते हैं. इनकी सोच है कि कोई यदि मीडिया हाउस के मालिक को नए पत्रकारो के हाथ-पैर से खून निकाल कर चरणों में अर्पित कर सकता है...तो उनमें सीधे दिलोदिमाग से निचोड़ने की क्षमता है.

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