गुरुवार, 28 जुलाई 2011

अन्ना टीम के जन लोकपाल विधेयक पर सियासी दलों का मंथन


लोकपाल‍ बिल को लेकर देश की सियासी पार्टियों के बीच विचार-मंथन होना है. इससे पहले मजबूत लोकपाल के गठन को लेकर समाजसेवी अन्‍ना हजारे ने अपनी टीम के स्‍तर से देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से मुलाकात कर राय ली और अपने पक्ष से अवगत कराया.
वैसे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में लोकपाल विधेयक पर साझा दृष्टिकोण आने की कम ही संभावना है. दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और वामदलों ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. जानिए किस पार्टी ने अन्‍ना को दिया किस तरह का आश्‍वासन...
लोकपाल पर भाजपा का रुख
गांधीवादी अन्ना हज़ारे और उनके साथी कार्यकर्ताओं ने भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की, जिसमें समाज के सदस्यों को प्रभावी और सशक्त लोकपाल के मुद्दे पर मुख्य विपक्षी दल के समर्थन का आश्वासन मिला. इस बैठक के बाद भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘हमने हज़ारे पक्ष को आश्वासन दिया है कि भाजपा प्रभावी और मजबूत लोकपाल के गठन की उनकी मांग का समर्थन करेगी. हज़ारे पक्ष से मिलने के बाद लोकपाल के मुद्दे पर पार्टी का औपचारिक रुख तय करने के लिये भाजपा के शीर्ष नेताओं ने अलग से बैठक की.’’
जदयू की राय
अन्‍ना हज़ारे और उनके साथी कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी और मनीष सिसौदिया ने बिहार के मुख्यमंत्री और जद-यू के वरिष्ठ नेता नीतीश से मुलाकात की थी. करीब 40 मिनट चली इस मुलाकात के बाद नीतीश ने संकेत दिया कि वे हज़ारे पक्ष के सुझावों के आधार पर अपने राज्य में लोकायुक्त का गठन करना चाहते हैं. नीतीश ने कहा, ‘‘हमने अभी हज़ारे पक्ष के मसौदे का विस्तृत अध्ययन नहीं किया है. मसौदे पर गौर करने, अपनी पार्टी (जद-यू) के भीतर चर्चा करने और सहयोगी दलों के साथ बातचीत करने के बाद ही हम लोकपाल के मुद्दे पर अपना रुख तय करेंगे.’’
सत्ताधारी कांग्रेस की राय
अन्‍ना हजारे ने कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकत कर कांग्रेस से भी मतभेद दूर करना चाहा. इसके बावजूद मुख्य पांच ऐसे मुद्दे हैं, जिनपर सरकार और अन्ना की टीम के बीच पेंच फंसा है:
पहला मुद्दा
: लोकपाल चयन समिति के सदस्य
सिविल सोसायटी चाहती है कि लोकपाल चुनने वाली समिति के 11 सदस्यों में पीएम, नेता प्रतिपक्ष, और एक वरिष्ठ मंत्री के अलावा बाकी गैर राजनीतिक लोग हों. जिसमें सीएजी और सीवीसी जैसे लोग भी शामिल हों. जबकि सरकार चाहती है कि चयन समिति में ज्यादा से ज्यादा राजनीतिक लोग हों, सीवीसी और सीएजी तो कतई नहीं.
दूसरा मुद्दा: लोकपाल के दायरे में पीएम?
सिविल सोसायटी पीएम को भी लोकपाल के दायरे में चाहती है जबकि सरकार इसमें रिटायरमेंट के बाद की शर्त जोड़ रही है.
तीसरा मुद्दा:लोकपाल को हटाने की प्रक्रिया
सिविल सोसायटी ये हक आम आदमी को भी देना चाहती है कि वो सुप्रीमकोर्ट में मुकदमा कर लोकपाल को हटवा दे. जबकि सरकार पूरी तरह इसे सरकार के कब्जे में रखने चाहती है.
चौथा मुद्दा:लोकपाल का दायरा
सिविल सोसायटी चाहती है कि पीएम, न्यायपालिका, सरकारी कर्मचारी, सांसद, मंत्री, सैनिक खरीददारी, नौकरशाह लोकपाल के दायरे में हों जबकि सरकार नौकरशाह, पद पर पीएम, उच्च न्यायपालिका सांसदों को इसके दायरे में नहीं रखना चाहती.
पांचवा मुद्दा:भ्रष्टाचार की सजा
सिविल सोसायटी चाहती है कि भ्रष्टाचार की सजा उम्रकैद हो जबकि सरकार 10 साल से ज्यादा की सजा के लिए तैयार नहीं.
माकपा की सोच
सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से पहले अपना पक्ष मजबूत करने की कवायद में गांधीवादी अन्ना हज़ारे समर्थकों ने माकपा महासचिव प्रकाश करात से मुलाकात की. आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने करात से माकपा मुख्यालय में मुलाकात की.इसमें प्रस्तावित लोकपाल विधेयक के बारे में समाज के सदस्यों के रख से दोनों नेताओं को अवगत कराया गया. माकपा के औपचारिक रुख का खुलासा सर्वदलीय बैठक में ही हो सकेगा.
राष्ट्रीय लोक दल की राय
अन्‍ना हजारे ने राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख अजित सिंह से मुलाकात की. इसमें प्रस्तावित लोकपाल विधेयक के बारे में समाज के सदस्यों के रुख से दोनों नेताओं को अवगत कराया गया. रालोद प्रमुख ने कहा कि हज़ारे के कारण ही देश में भ्रष्टाचार के खिलाप लोगों को जागरूक बनाया जा सका है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी हज़ारे पक्ष के मसौदे का मोटे तौर पर समर्थन करती है.
भाकपा का मत अभी तय नहीं
अन्‍ना हजारे पक्ष ने भाकपा नेता ए. बी. वर्धन से मुलाकात कर उनके विचार मांगे. भाकपा महासचिव ए.बी. वर्धन ने कहा कि उनकी पार्टी प्रस्तावित विधेयक पर चर्चा में भाग लेने के बारे में विचार कर रही है. भाकपा नेता ने कहा
, ‘‘हम सोच रहे हैं. हमारी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस पर फैसला करेगा.’’

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

धन्यवाद