

अन्ना ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि संविधान में साफ लिखा है कि शांतिपूर्वक जमा होकर, बिना हथियारों के विरोध प्रदर्शन करना हमारा मौलिक अधिकार है। क्या आप और आपकी सरकार हमारे मौलिक अधिकारों का हनन नहीं कर रहे? जिन अधिकारों और आजादी के लिए हमारे क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों ने कुर्बानी दी, स्वतंत्रता दिवस के 2 दिन पहले क्या आप उसी आजादी को हमसे नहीं छीन रहे हैं? मैं सोच रहा हूं कि 65वें स्वतंत्रता दिवस पर आप क्या मुंह लेकर लाल किले पर ध्वज फहराएंगे?


अन्ना ने कहा कि पिछली बार जब उन्होंने अनशन किया था तो सरकार ने आश्वासन देकर उठवा दिया था। हमारे साथ धोखा हुआ। ऐसी धोखाधड़ी होगी ये हमको पता नहीं था। हमने सरकार पर विश्वास किया और उसका खामियाजा भुगता। अन्ना ने कहा कि तीन दिन बाद जो होगा देखा जाएगा। हम 16 अगस्त से जेपी पार्क में अनशन करेंगे। सरकार ने रोका तो जेल में ही अनशन होगा। अन्ना ने कहा कि जेपी पार्क सरकार के बाप की संपत्ति नहीं है। देश युवाओं से कुर्बानी मांग रहा है। युवा तैयार हो जाएं।
अन्ना की इस चिट्ठी पर कांग्रेस ने भी तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि अन्ना अगर जेल जाना चाहते हैं तो जाएं लेकिन वो सरकार को ब्लैकमेल क्यों कर रहे हैं।
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