शनिवार, 13 अगस्त 2011

अन्ना ने पीएम को चिठ्ठी लिख लताड़ा, कहा 15 अगस्त को झंडोतोलन का हक नहीं

अनशन के लिए दिल्ली पुलिस की गैरवाजिब शर्तों से नाराज अन्ना हजारे और उनकी टीम ने बंदिशों को मानने से इनकार कर दिया है। नाराज अन्ना ने इस बाबत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखी है। अन्ना ने पीएम से इस मामले में दखल देने की मांग की है और कहा है कि उन्हें दिल्ली पुलिस की ऐसी शर्तें नामंजूर हैं।
अन्ना ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि संविधान में साफ लिखा है कि शांतिपूर्वक जमा होकर, बिना हथियारों के विरोध प्रदर्शन करना हमारा मौलिक अधिकार है। क्या आप और आपकी सरकार हमारे मौलिक अधिकारों का हनन नहीं कर रहे? जिन अधिकारों और आजादी के लिए हमारे क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों ने कुर्बानी दी, स्वतंत्रता दिवस के 2 दिन पहले क्या आप उसी आजादी को हमसे नहीं छीन रहे हैं? मैं सोच रहा हूं कि 65वें स्वतंत्रता दिवस पर आप क्या मुंह लेकर लाल किले पर ध्वज फहराएंगे?
अन्ना ने जंतर-मंतर पर उन्हें अनशन की इजाजत नहीं मिलने को भी गलत ठहराया और कहा कि जिस जेपी पार्क पर उन्हें अनशन की इजाजत दी गई उसकी भी 3 दिनों की हद तय कर दी गई है। अन्ना ने मनमोहन सिंह से चिट्ठी के जरिए सवाल किया है कि क्या भारत का प्रधानमंत्री उन्हें अनशन के लिए कोई जगह दिला सकता है?
क्या इन सबसे तानाशाही की गंध नहीं आती? क्या ये आपकी सरकार को शोभा देता है? लोग कहते हैं कि आपकी सरकार आजादी के बाद की सबसे भ्रष्ट सरकार है। लेकिन मेरा मानना है कि हर सरकार पहली सरकार से ज्यादा भ्रष्ट होती है। स्वामी रामदेव के समर्थकों पर आपकी सरकार ने लाठी चलवाई। पुणे में किसानों पर गोली चलवाई। हम आपको संविधान की आहुति नहीं देने देंगे। आपकी सरकार तो आज है, कल नहीं है। बड़े खेद की बात है कि आपके इन गलत कामों की वजह से ही अमेरिका हमारे लोकतंत्र में दखल दे रहा है।
अन्ना ने कहा कि पिछली बार जब उन्होंने अनशन किया था तो सरकार ने आश्वासन देकर उठवा दिया था। हमारे साथ धोखा हुआ। ऐसी धोखाधड़ी होगी ये हमको पता नहीं था। हमने सरकार पर विश्वास किया और उसका खामियाजा भुगता। अन्ना ने कहा कि तीन दिन बाद जो होगा देखा जाएगा। हम 16 अगस्त से जेपी पार्क में अनशन करेंगे। सरकार ने रोका तो जेल में ही अनशन होगा। अन्ना ने कहा कि जेपी पार्क सरकार के बाप की संपत्ति नहीं है। देश युवाओं से कुर्बानी मांग रहा है। युवा तैयार हो जाएं।
अन्ना की इस चिट्ठी पर कांग्रेस ने भी तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि अन्ना अगर जेल जाना चाहते हैं तो जाएं लेकिन वो सरकार को ब्लैकमेल क्यों कर रहे हैं।

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