शनिवार, 6 अगस्त 2011

अब संसद में गुंजा तत्काल टिकट आरक्षण घोटाला

संसद में पेश की गई कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन जरूरतमंद यात्रियों के लिए रेलवे ने तत्काल टिकट आरक्षण प्रणाली योजना दिसम्बर 1987 में शुरू की थी, वे इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, क्योंकि यह बुकिंग क्लर्को और एजेंटों के छलकपट की गिरफ्त में है। महालेखाकार ने भारतीय रेलवे की कम्प्यूटराइज्ड तत्काल और अग्रिम आरक्षण सुविधा की जांच करने पर यह पाया कि जरूरतमंद यात्रियों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि तत्काल कोटे का टिकट कर्मचारियों की मेहरबानी से एक मिनट के अन्दर एजेंटों के पास पहुंच जाता है। सीएजी की रिपोर्ट पेश करने के बाद डिप्टी सीएजी अरविन्द कुमार अवस्थी ने बताया कि तत्काल कोटे के टिकट बेचने में रिजर्वेशन काउंटर और इंटरनेट दोनों जगह गडबडी हो रही है। इस समय यात्रा से दो दिन पहले तत्काल का टिकट सुबह आठ बजे बिकना शुरू होता है।

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